Film CHAL JHUTTHA revolves around the Panchal Naresh who followed the tradition from Dwaparyug to Kalyug

द्वापरयुग से कलयुग तक परंपरा निभाने वाले पांचाल नरेश के इर्दगिर्द घूमती है फ़िल्म चल झुट्ठा

भोजपुरी सिनेमा के बदलते परिवेश में जहां भोजपुरी सिनेमा का चौथा दौर लॉकडाउन के बाद शुरू हुआ है और एक बार फिर संपूर्ण पारिवारिक फिल्मों के निर्माण का सिलसिला शुरू हो चुका है। ऐसे में एंड एंटरटेनमेंट बैनर के तले निर्मित की जा रही भोजपुरी फिल्म चल झुट्ठा की शूटिंग भव्य पैमाने पर यूनिक स्टोरी के साथ शूटिंग पूर्ण कर ली गई है। इस फ़िल्म में आज के माहौल को देखते हुए फिल्म की कथानक में मनोरंजन के साथ-साथ सिनेप्रेमियों के लिए संदेश भी दिया जा रहा है।

फिल्म के लेखक-निर्देशक विकास दास ने कहा कि हर कोई फ़िल्म निर्देशक कहता है कि हमारी फिल्म की कहानी सबसे यूनिक है। परन्तु होती नहीं क्योंकि आमतौर पर भोजपुरी फिल्मों का कथा पटकथा का ताना-बाना घर-परिवार और समाज को लेकर बुना जाता है, किन्तु हमारी फिल्म चल झुट्ठा की कथा-पटकथा की रचना द्वापरयुग में महाभारत काल के पांचाल नरेश राजा द्रुपद और उनकी सुपुत्री द्रोपदी के स्वयंवर को मूल आधार बनाकर किया गया है। इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि पांचाल नरेश के वंशज इस काल के समय कलयुग में भी उनकी स्वयंवर प्रथा को बरकरार रखे हुए हैं। उनके घर में कन्याओं की शादी तभी होगी, जब कोई नवयुवक स्वयंवर में जीत हासिल करेगा। आगे निर्देशक ने कहा कि अब स्वयंवर में शर्त क्या है?  स्वयंवर जीतने की शर्त क्या है? किस तरह स्वयंवर की रचना की गई है? क्या पांचाल नरेश के वंशज अपनी कन्याओं की शादी कर पाते हैं? ये सब आपको फ़िल्म देखकर ही पता चल पाएगा। इसके अलावा आज की सबसे बड़ी समस्या दहेज प्रथा, जो दानव का रूप लेकर मानव के अंदर समाहित है और लड़कियों की शादी के में लड़के वालों की तरफ से अच्छा खासा दहेज मांगा जाता है। उस पर किस तरह से यह फिल्म कुठाराघात कर पाएगी? ये भी आपको फिल्म में देखने को मिलेगा।

एंड एंटरटेनमेंट बैनर के तले निर्मित की जा रही भोजपुरी फिल्म चल झुट्ठा के तीनों नवयुवक अजय यादव, प्रिंस अग्रवाल और अमित राजभर की कहानी है, इन्होंने बताया कि हम तीनों ही झूठ के सहारे अपनी इमारत बुलंद करना चाहते हैं। फिर हम किन-किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है? कितना हास-परिहास होता है, हमारा कितना मनोबल टूटता और बढ़ता है? ये सब फ़िल्म के  कई ऐसे दिलचस्प मोड़ हैं। जो दर्शकों को खुद से कनेक्ट करने में आसानी होगी।

राजा पंचाल के वंशज के किरदार में मंझे हुए अभिनेता पप्पू यादव हैं, जो आज भी अपने आपको राजा मानते हैं, उनका सामना वे तीनों युवक किस तरह से कर पाते हैं? किस तरह से स्वयंवर में शामिल होकर के हार या जीत हासिल करते हैं। इसी तरह से कई दिलचस्प कथानक को आत्मसात किए हुए फिल्म चल झुट्ठा बनाई जा रही है, जो वाकई दर्शकों का स्वस्थ मनोरंजन की करेगी। इस फिल्म को हर वर्ग के दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। जोकि संपूर्ण पारिवारिक सिनेमा है।

उल्लेखनीय है कि भोजपुरी फिल्म चल झुट्ठा की शूटिंग उत्तर प्रदेश के जिला जौनपुर के कस्बा मुंगरा बादशाहपुर में राधेश्याम पैलेस, द्विवेदी पैराडाइज कॉलेज, ग्राम सराय फत्तू, रैचन्दा सहित आसपास के कई ग्रामीण रमणीय क्षेत्रों में की गई है। इस फ़िल्म के  लेखक निर्देशक विकास दास, संगीतकार अनुज तिवारी, डीओपी इनायत अली, फाइट मास्टर जय विष्ठा, कला निर्देशक पवन शर्मा, ईपी विजय यादव, प्रोडक्शन कण्ट्रोलर शिवशंकर यादव और फिल्म प्रचारक रामचन्द्र यादव, अरविन्द मौर्या हैं।

इस फ़िल्म में मुख्य भूमिका में अजय यादव, प्रिंस अग्रवाल, अमित राजभर, निशा सिंह, अनन्दिता गिरी, रिया सारीवान, पप्पू यादव, बृजेश कुमार पांडेय सोनू, रमजान शाह, चन्दन सिंह, राम विश्वकर्मा, दीपक पंडित, फूल चन्द्र, मनोज प्रियतम इत्यादि हैं।

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